जिंदगी के रंग – 35

समय की लहरें ना जाने

कहाँ खींच ले जाती हैं?

कभी मन के अंदर होती हैं

लहरों की आवाज़ें अौर मौजें

कभी ख़ामोशी…नीरवता…..

बदलता समय  ना  जाने कितने रंग  दिखाता है।

रंग बदलते,   कितने लोग  आते जाते हैं।

भीतर लहरों की आवाज़ हीं

प्रेम अौर प्रकाश देने वाली बन जाती है।