Tomorrows work do today, today’s work now
If the moment is lost, how will the work be done?
काल करे सो आज कर, आज करै सो अब |
पल में परलय होयगी, बहुरी करेगा कब ||
Kabir
Tomorrows work do today, today’s work now
If the moment is lost, how will the work be done?
काल करे सो आज कर, आज करै सो अब |
पल में परलय होयगी, बहुरी करेगा कब ||
Kabir
बहुत खूब। कबीर के दोहे।
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धन्यवाद, स्कूल के दिनों को याद कर लिख दिया। आजकल ये सब दोहे कम हीं दिखते हैं। 🙂
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वेरी नाईस
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धन्यवाद !!
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धन्यवाद राजीव !! प्रशंसा और likes ke liye.
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जी ये मेरी खुश-नसीबी रही☺
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बहुत ही खूब। धन्यवाद रेखा दी इसे साझा करने के लिए।
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पाखी तुमने को कृष्ण का चित्र भी लगा रखा है। आभार पसंद करने के लिये।
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धन्यवाद दी मुझे पाखी कहकर संबोधित करने के लिए। वास्तव में कान्हा जी हमारे अंश की अराध्या जो हैं। यह हमें अनुभव करता है कि श्याम के बिना राधा और राधा के बिना श्याम अधूरा है। भले ही दुनिया के लिए अलग हो पर वास्तव में दोनों इक दुसरो का ही अंश है।
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पाखी नाम बहुत प्यारा है. तुम कृष्ण भक्त हो यह अच्छी बात है. हाँ राधा कान्हा का आध्यात्मिक प्रेम है जो सभी प्रेम से ऊपर है.
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सत्य हैं दी जिसे हर कोई नहीं समझ सकता।
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दूसरों की चिंता क्यों ?
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