इंपोस्टर सिंड्रोम / impostor syndrome – क्या आप खुद को अपनी कामयाबी या सफलता के लायक नहीं मानतें?

 

इंपोस्टोर सिंड्रोम – जब लोग अपनी सफलता को इत्तफ़ाक़ या संयोग मानते हैं या उन्हें आत्म-संदेह होता रहता है (यह गलती से सफलता मिलने या खुद को कामयाबी के लायक नहीं मानने का अनुभव है)।
क्या आप जानते हैं , अनेक लोग इस सिंड्रोम से प्रभावित होते हैं ।

दुनियाभर में सुपरहिट रही हॉलीवुड फिल्म शृंखला ‘हैरी पॉटर’ में नायक की अभिन्न मित्र ‘हरमॉयनी ग्रेंजर’ की भूमिका निभाकर घर-घर में पहचान बनाने वाली अभिनेत्री एम्मा वॉटसन को लगता है, कि उन्हें अपनी काबिलियत से कहीं ज़्यादा कामयाबी हासिल हुई है। खुद को इतनी कामयाबी के लायक नहीं मानतीं एम्मा वॉटसन।

ऐसे लोग प्रायः अपनी प्रशंसा को हलके में लेते हैं, परिपूर्णतावादी / पर्फेक्सनिस्ट, बेहद मेहनती, अौर असफलता से ङरे रहते हैं (70% से अधिक लोग अपने जीवन में कभी ना कभी ऐसा अनुभव करतें हैं)। अगर आप को ऐसा लगता है, तब ङरे नहीं , क्योंकि आप जैसे बहुत लोग हैं जिन्हें आत्म-संदेह होता रहता है।   1 9 78 ​​मनोवैज्ञानिकों पॉलिन अौर क्लेंस और सुज़ान/ Pauline and Suzanne शब्द दिया था। यह सिंड्रोम अच्छी उपलब्धि वालों व महिलाओं में अक्सर होता है।

 

 इसका सामना करने के उपाय –

  • ऐसे लोगों को अपनी भावनाओं को समझना अौर लोगों से साझा करना चाहिये।
  • तुलना के बदले अपने आप अौर अपने काम की कदर करना चाहिये ।
  • अपनी तारीफ को स्वीकार करना सीखें।
  • आपनी क्षमताओं और उपलब्धियों को सही नजरीये अौर निष्पक्षता से देखें ।
  • अपने डर को मान कर उसका सामना करें। आप वास्तव में सफलता के लायक नहीं या अयोग्य महसूस कर, तनाव में ना रहें। ना उसे भाग्य से पाया हुआ माने। बोलने के दौरान भी ऐसी बातों का प्रयोग ना करें जिससे आपके इस ङर झलके। जैसे – शायद भाग्य से मिल गया, मैं इस लायक नहीं ।
  • अपनी सफलता, कौशल, उपलब्धियों और अनुभवों का मूल्यांकन करें।
  • मजाक और हलकी-फुलकी बातों का आनंद लें।
  • सुबह -सुबह लिखने की आदत ( morning pages) – सुबह उठने के बाद कुछ देर अपने बारे में जो भी मन में आये / कुछ भी लिखने की आदत बनायें। इन लेखों को रखने की जरुरत नहीं है। यह आपके अचेतन मन में दबी बातों अौर परेशानियों को कम करेगा।

I Am An Impostor

Rebecca MKT's avatarStrictly Unstructured

That feeling that you are a fraud, that one day people will find out you have no idea what you are doing, it has a name…Impostor Syndrome. It can strike when you get that first real job, when you leave the hospital with your first child, or when you graduate from college. You feel like you are not qualified or don’t deserve your accomplishments. It is estimated that at least 70 percent of successful people have experienced Impostor Syndrome.[i] So, don’t worry. If you are afraid someone will find out that you are an impostor, they are probably too busy worrying about their own fraud to care about yours.

The filp-side of Impostor Syndrome is Entitlement. The sense that one deserves more than others. That phenomenon that we see in so many kids these days. While most of us would rather be surrounded by impostors than entitled people, there…

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तकलीफ –  कविता 

किसी की तकलीफ कम ना कर सको कोई बात नहीँ.

पर दर्द और तकलीफ बढ़ाओ भी नहीँ ,

 तब भी बड़ी दुआ मिल  जायेगी.

एक प्यारी सी मुस्कान ही जिंदगी जीने का 

हौसला दे जायेगी.

मृत अतीत – कविता 

मृत, कटु अतीत  , यादों का बोझ

स्मृतियों की निष्ठुरता

अक्सर बङी भारी होती है।

इनके वज़न तले दबे रहने से

अच्छा है, इस घुटन से निकल

इन्द्रधनुष के सात रंगों में  जीवन जीना।