आज तक ना जाने
कितने शहरों में रहीं हूँ,
आज भी बनजारों सा ,
आजाद परिंदे जैसा,
भटकना और घूमना पसंद है।
किसी ने पूछा आप का शहर कौन सा है?
क्या जवाब दूँ, मुझे तो
सारे शहर अपने से लगते हैं ।
आज तक ना जाने
कितने शहरों में रहीं हूँ,
आज भी बनजारों सा ,
आजाद परिंदे जैसा,
भटकना और घूमना पसंद है।
किसी ने पूछा आप का शहर कौन सा है?
क्या जवाब दूँ, मुझे तो
सारे शहर अपने से लगते हैं ।