साम्राज्य छोङ बुद्ध ने कहा-
मानवता हित अौर सेवा सबसे ऊपर
हम भूले, विश्व में फैला बुद्धत्व।
ईशु ने दिया विश्व शांति, प्रेम और सर्वधर्म सम्मान संदेश।
कुरआन ने कहा जहाँ मानवता वहाँ अल्लाह।
गीता का उपदेश- कर्मण्यवाधिकारस्ते मा……
– निस्वार्थ कर्तव्य पालन करो।
कर्ण ने सर्वस्व अौर दधिची ने किया अस्थि दान ,
कितना किसे याद है, मालूम नहीं।
मदाधं मानवों की पशुवत पाशविकता जाती नहीं।
मानव होने के नाते, हमारे पास ज्ञान की कमी नहीं।
बस याद रखने की जरुरत है,
पर हम ङूबे हैं झगङे में – धर्म, सीमा, रंग , भाषा……..
हम ऊपरवाले की सर्वोत्तम कृति हैं !
कुछ जिम्मेदारी हमारी भी बनती है।
Topic of Indispire –
What would be your idea of an evolved human being? #beingtrulyhuman
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