दिवाली अौर मोमबत्ती कविता, Diwali N candle-spiritual poem


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अंधेरे में जल उठी छोटी सी  मोमबत्ती,

रोशन कर दिया जहाँ।

सारा अंधकार तिरोहित हो गया।

दिल में ख्याल आया -मोमबत्ती बन जाऊँ।

सभी को राह दिखाँऊ……….

खुशी अौर रौशनी बिखेरूँ ,

                      मोमबत्ती मेरी बात सुन हँस पङी अौर बोली –

क्या अपने दिल को जला  कर आसूँ बहा  सकोगी?

अपने को तपा अौर गला सकोगी?

पवन  के झूमते थपेङों से अपने को बचा सकोगी?

तभी दिवाली होगी।

तभी रौशन होगा यहाँ अौर सारा जहाँ।

image from internet.