Day: August 14, 2016
आजादी के नव भोर में हम सब..
आजादी के नव भोर में हम सब, याद करें उन वीरों को, कर दिया समर्पित सर्वस्व जिन्होंने, भारत माँ की आजादी को, आओ मिलकर नमन करे हम, उन इंक़लाब के दीवानों को.. रहा सालों से जो गुलाम भारत, सर्वप्रथम, सन् सत्तावन में गरजा था, फूट पड़ी तब अंग्रेजों में, जब मंगल पाण्डेय बरसा था, अंग्रेजों से लोहा लेने को आतुर, तब कई रियासतें रण में था.. आजादी के नवभोर में हम सब, याद करे उस मंजर को, जब ८२ वर्ष के वीर कुंवर ने, ललकारा था अंग्रेजों को, आओ मिलकर नमन करें हम, सत्तावन के वीरों को.. स्तब्ध हुआ था विश्वजगत जब, एक रानी ने तलवार उठाया था, कहते है रक्तरंजित इतिहास के पन्ने, उसने अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाया था. भारी थी सौ सौ पर वह एक अकेली, अंग्रेजों में झाँसी की रानी का दहशत छाया था.. निश्चय ही वह क्षण गौरव के थे, एक बेटी ने माँ…
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