Songs of a weaver and Sufi mystic poet !

एक रस्ते पर चलती बहती जिंदगी, जब राह बदल लेती है. तब जिंदगी को और उसका सफर को देखने का एक नया नजरिया बनता है ।

कबीर और रूमी की ये पंक्तियां शायद जिंदगी की उन्हीं फलसफों की बातें करती हैं। कितनी अजीब बात है, अलग-अलग समय… काल में, अलग-अलग जगहों पर दोनों ने एक सी बातें कहीं हैं। चाहें तो इनकी बातों को आध्यात्मिकता से जोड़कर देखा सकतें हैं या इस दुनिया की बातों से जोड़कर। आपको इनमें क्या नजर आता है? आपकी बातें और विचार सादर आमंत्रित है
।We are one, Aren’t we? your thoughts are invited.

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The river that flows in you also flows in me.” 
― Kabir

When you do things from your soul,

you feel a river moving in you, a joy.”

― Rumi