
क्यों यह विध्वंस हुआ देव तुम्हारी भूमि पर ?
हाँ , हम रचनाकर्ता, पालन कर्ता और संहारकर्ता हैं,
पर हम तुम्हें यह आशीर्वाद भी देते हैं-
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया !!
यह तांडव … विध्वंस…..तुम्हारी भूलों,
अतिक्रमन और प्रकृति को
बंधन में बाँधने की कोशिश
का यह परिणाम है .
इसलिए उठो प्रायश्चित करो ,
आरोप-प्रत्यारोप छोड़ो .
अपनी भूल सुधारो
जो भी सामर्थ्य हो तुम्हारी ,
धन , मन , तन से आगे बढ़ो
ना हो सके कुछ तो
प्रार्थनाओं और कामनाओं से
सहारा बनो .
मानव हो मानवता दिखलाओ .
बिना भेद भाव , राग द्वेष के …..,

Image courtesy: Chandni Sahay.
Meaning
अतिक्रमण – Encroachment
Thanks IndiBlog for the honour and invitation to write a blog on this topic —
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