Desire for success

Your Desire for success

Should be greater than

Your fear of failure!!!!!

Forwarded as received

Desire

Everyone has been

made for some particular work,

and the desire for

that work has been

put in every heart.

 

 

Rumi ❤ ❤

#Iamhappy वह खुशी का पल ( blog related topic )

हम खुशियों की खोज में न जाने कहाँ-कहाँ भटकते है।बड़े-बड़े चाहतों के पीछे ना जाने कितना परेशान होते हैं। पर, सच पूछो तो खुशी हर छोटी बात में होती है। यह सृष्टि की सबसे बड़ी सच्चाई है।

इस जिंदगी के लंबे सफर में अनेक उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ये खुशियां इन उतार चढ़ाव में हमें हौसला और हिम्मत देती हैं। पर अक्सर हम छोटे-छोटी खुशियों को नज़र अंदाज़ कर देते हैं, किसी बड़ी खुशी की खोज में। ऐसा एहसास स्वामी विवेकानंद को अपने जीवन के आखरी दौर में हुआ था।

खुशी ऐसी चीज़ नहीं है जो हर समय हमारे पास रहे। यह संभव नहीं है। खुशी और दुख का मेल जीवन के साथ चलता रहता है। हाँ, खुशी की चाहत हमारे लिए प्रेरणा का काम जरूर करती है। कभी किसी के प्यार से बोले दो बोल, बच्चे की प्यारी मुस्कान, फूलों की खूबसूरती या चिड़ियों के चहचहाने से खुशी मिलती है। कभी-कभी किसी गाने को सुन कर हीं चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं या कभी किसी की सहायता कर खुशी मिलती है। जेनिफ़र माइकेल हेख्ट ने अपनी एक पुस्तक “दी हैपीनेस मिथ: द हिस्टीरिकल एंटिडौट टू वाट इस नॉट वर्किंग टुड़े“ में इस बात को बड़े अच्छे तरीके से बताया है।

कठिनाइयों की घड़ी में छोटे-छोटी खुशियाँ उनसे सामना करने का हौसला देती हैं। इस बारे में अपने जीवन की एक घटना मुझे याद आती है। मेरी बड़ी बेटी तब 12 वर्ष की थी। उसके सिर पर बालों के बीच चोट लग गया। जिससे उसका सर फूट गया। मैं ने देखा, वह गिरने वाली है।

घबराहट में मैंने उसे गोद में उठा लिया। जब कि इतने बड़े बच्चे को उठाना सरल नहीं था। मैंने एक तौलिये से ललाट पर बह आए खून को पोछा। पर फिर खून की धार सिर से बह कर ललाट पर आ गया। वैसे तो मैं जल्दी घबराती नहीं हूँ। पर अपने बच्चे का बहता खून किसी भी माँ के घबराने के लिए काफी होता है। इसके अलावा मेरे घबराने की एक वजह और भी थी । बालों के कारण चोट दिख नहीं रहा था। मुझे लगा कि सारे सिर में बहुत चोट लगी है।

मेरी आँखों में आँसू आ गए। आँखें आँसू से धुँधली हो गई। मैं धुँधली आँखों से चोट को ढूँढ नहीं पा रही थीं। मेरी आँखों में आँसू देख कर मेरी बेटी ने मेरी हिम्मत बढ़ाने की कोशिश की।

उसने मेरे गालों को छू कर कहा- “ मम्मी, तुम रोना मत, मैं बिलकुल ठीक हूँ’। जब मैंने उसकी ओर देखा। वह मुस्कुरा रही थी। मैं भी मुस्कुरा उठी। उसकी दर्द भरी उस मुस्कुराहट से जो ख़ुशी मुझे उस समय मिली। वह अवर्णनीय है। मुझे तसल्ली हुई कि वह ठीक है। उससे मुझे हौसला मिला। मेरा आत्मविश्वाश लौट आया। उसकी मुस्कान ने मेरे लिए टॉनिक का काम किया। मैंने अपने आँसू पोछे और घबराए बिना, सावधानी से चोट की जगह खोज कर मलहम-पट्टी किया और फिर उसे डाक्टर को दिखाया।
              

                           मुस्कुरा कर देखो तो सारा जहां हसीन है,
                    वरना भिगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।

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#FarMoreSingaporeमेरी ख्वाहिश – एक उत्कृष्ट देश का भ्रमण ( blog related )

मेरी बहुत लंबे अरसे से सिंगापुर जाने की चाहत है। इसकी खुबसूरती और प्राकृतिक सौंदर्य हमेशा मुझे अपनी ओर खींचती है। जीवन के भाग-दौड़ में अवसर ही नहीं मिला इस सुंदर देश को देखने का। कामना है, जल्दी मुझे यहाँ जाने का सुअवसर मिले। यहाँ के भोजन चखने का मौका मिले। यह अपनी व्यवस्था, सौंदर्य और स्वादिष्ट भोजन के लिए जाना जाता है।

सिंगापुर दुनिया का एक छोटा और युवा दक्षिण एशियाई देश है। युवा होने पर भी एक सफल, तरक्कीशील और खूबसूरत देश है। इसका नाम हिन्दी के शब्द शेर / सिंह से बना है। जबकि सच्चाई यह है कि यहाँ कभी शेर नहीं रहते थे। पौराणिक कथा के अनुसार, 14 वीं सदी में सुमात्रा राजकुमार ने एक राजसी सिंह को देख इसका नामकरण सिंगापुर किया।

यह देश अपनी साफ-सफाई और नियम पालन के लिए भी जाना जाता है। इसकी खुबसूरती अद्वितीय है। रात में यह शहर रोशनी में नहाया हुआ और भी खूबसूरत दिखता है।
सिंगापुर में सिंगापुर के स्थायी निवासियों के अलावा चीनी, मलय और भारतीय भी काफी संख्या में है। इस देश ने अपनी तरक्की के लिए समुद्री बन्दरगाह, शुल्क मुक्त पुनर्निर्यात (टैक्स फ्री), निर्यात, औद्योगीकरण, एडुकेशन हब आदि का विकास किया है। इसकी दूरदर्शी नीतियों के कारण यह विकास के पाएदान पर तेज़ी से तरक्की कर रहा है।

सिंगापुर ने पिछले कुछ वर्षों में 650 से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कई हजार वित्तीय संस्थानों और व्यापारिक फर्मों के लिए मेजबान की भूमिका निभाई। इस तरह के मेजबानी के लिए आवश्यक है सभी के स्वाद को समझना , और उसके अनुसार भोजन उपलब्ध कराना।

अर्थव्यवस्था प्रोत्साहन के लिए यहाँ एक और बात पर विशेष बल दिया गया है। वह है पर्यटन और उससे संबधित लुभावने, स्वादिष्ट भोजन । शायद यहाँ के लोग समझ चुके हैं –
             ” किसी के दिल को जीतने की राह पेट से हो कर जाती है”।

यहाँ के सिंगापुरी व्यंजनों के आलावा चीनी, मलय , कॉन्टिनेन्टल और भारतीय सभी प्रकार के भोजन मिलते हैं। यह देश सागर के किनारे बसा है इसलिए यहाँ समुद्री भोजन (सी फूड) भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। पर सिंगापुर में शाकाहारी रेस्तरां: ग्रीन भी जाया जा सकता हैं। यहाँ की एक और विशेषता है, यहाँ उच्च श्रेणी के अनेक रेस्तरा । कुछ रेस्तरा सिंगापुर नदी के किनारे रोमांटिक माहौल में खाने-पीने की व्यवस्था रखते है। पर यहाँ कम खर्च वाले भोजन के स्थान भी उपलब्ध है। यह मेरे जैसे भोजन के शौकीन पर्यटक के लिए अच्छी सूचना है।

सिंगापुर विविधता से भर एक संपन्न देश है। यहाँ की संस्कृति, भाषा , कला और स्थापत्य कला लाजवाब है । सिंगापुर के अनेकों हिस्सों को खूबसूरती से डिजाइन और विकसित किया गया था । सिंगापुर लगातार नए और आकर्षक यात्रा के अनुभवों को पेश करने के लिए अपने को विकसित कर रहा है। ताकि यहाँ अधिक से अधिक संख्या में पर्यटक आए और उनका मूल मंत्र है –

     “अपने घर से दूर घर जैसा आराम और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करवाना”

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