
बर्बरता और क्रूरता की इंतिहा हो गई .
किसी की आँखों का मोल नहीं है
किसी के जीवन का मूल्य नहीं .
मासूमियत भी नज़र नहीं आई .
है अनमोल सिर्फ़ अपनी दुश्मनी, 5 हज़ार
रुपये और अपनी हैवानियत !!!

बर्बरता और क्रूरता की इंतिहा हो गई .
किसी की आँखों का मोल नहीं है
किसी के जीवन का मूल्य नहीं .
मासूमियत भी नज़र नहीं आई .
है अनमोल सिर्फ़ अपनी दुश्मनी, 5 हज़ार
रुपये और अपनी हैवानियत !!!