दोनों ने एक दूसरे को देखा ग़ौर से,
फिर दरिया पर बरसते बादल से पूछा
दरिया ने –
मुझे मेरा दिया हीं लौटा रहे हो?
या अपने राज मेरे कानों में गुनगुना रहे हो …
क्या अपने दिल की बातें मुझे सुना रहे हो?


ज़िंदगी की परेशान घड़ियों में अचानक
किसी की बेहद सरल और सुलझी बातें
गहरी समझ और सुकून दे जातीं हैं, मलहम की तरह।
किसी ने हमसे कहा – किसी से कुछ ना कहो, किसी की ना सुनो !
दिल से निकलने वाली बातें सुनो,
और अपने दिल की करो।
गौर से सुना, पाया……
दिल के धड़कन की संगीत सबसे मधुर अौर सच्ची है।
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