बिखरती खुशबू को समेटने
की चाहत देख सुगंध ने कहा –
हमारी तो फितरत हीं है बिखरना
हवा के झोंकों के साथ।
तुमने बिखर कर देखा है कभी क्या ?
इस दर्द में भी आनंद है।
बिखरती खुशबू को समेटने
की चाहत देख सुगंध ने कहा –
हमारी तो फितरत हीं है बिखरना
हवा के झोंकों के साथ।
तुमने बिखर कर देखा है कभी क्या ?
इस दर्द में भी आनंद है।