मेरे मंदिरों में भी तुम सब
करते हो मोल -तोल.
कभी पुजारी और कभी भक्त बन कर.
बड़े पक्के हो ,
व्यापर करने में.
लेकिन क्या जानते हो ,
अपना अनमोल मोल ?
जो बिना किसी मोल -भाव
मैंने तुम्हें दिया ?
image from internet and rekha.

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