
कुछ समझदारों को कहते देखा है- बात ना पकड़ो !!!!!
पर खुद ऐसे लोगो को हमेशा
बातें पकड़तें देखा,
बातें बनाते भी देखा।
इससे इनके रिश्ते भले छूट जाएँ
या अपने टूट जायें।
ऐसे में यह मुहावरा याद आता है – “पर उपदेश, कुशल बहुतेरे।”

कुछ समझदारों को कहते देखा है- बात ना पकड़ो !!!!!
पर खुद ऐसे लोगो को हमेशा
बातें पकड़तें देखा,
बातें बनाते भी देखा।
इससे इनके रिश्ते भले छूट जाएँ
या अपने टूट जायें।
ऐसे में यह मुहावरा याद आता है – “पर उपदेश, कुशल बहुतेरे।”