कोरोना महामारी में अनेकों देशों के लोग लॉकडाउन में घरों में बंद हैं। ऐसे में एक और घातक खतरा तेज़ी से बढ़ रहा है। इस दौरान लड़कियों अौर महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा बढ़ गये हैं। जिससे दुनिया भर में घरेलू हिंसा हेल्पलाइन और शेल्टरों में मदद के लिए कॉल बढ़ गए हैं।
भारत में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी घर पर दुर्व्यवहार का रिपोर्ट करने वाली महिलाओं और बच्चों की संख्या बढ़ने की रिपोर्ट की है। हम सभी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि दुर्व्यवहार की वास्तविक संख्या, रिपोर्ट किये संख्या से बहुत अधिक होगी। हमारे देश भारत में, हमारी एक बड़ी आबादी कोरोना के वजह से आजीविका से वंचित हो गई है। ऐसे में महिलाओं अौर बच्चों के साथ हिंसा वृद्धि दुःखद है। यह समझने की जरुरत है कि इन सब का सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक परिणाम कितना भयंकर होगा।