मेरे एम ए की पढ़ाई के दौरान एक दिन हमारे एक शिक्षक ने एक प्रयोग दिया, पर उसके बारे में कुछ नहीं बताया । अगली क्लास में , कुछ दिनों बाद उन्होंने सभी से उस एक्सपेरिमेंट का नतीजा जानना चाहा।
मेरे क्लास के सभी स्टूडेंट्स के रिजल्ट लगभग एक समान थे और मेरा रिजल्ट बिल्कुल उल्टा था। शिक्षक ने कुछ देर में पूछा कि सारी रिजल्ट एक जैसे हैं या किसी का रिजल्ट इससे अलग आया है? मैं अपने अलग रिजल्ट से थोड़ा परेशान थी फिर भी मैं अपनी कॉपी के साथ अपनी टीचर के पास पहुंची।
तब उन्होंने बताया कि वह ऐसे रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे । उन्हों ने बताया कि इसे कहते हैं. जिसका अर्थ है कि अक्सर कुछ लोग अधूरे या बीच में रोक दिए गए काम को ज्यादा याद रख हैं। यह मनोविज्ञान का एक फिनोमिना हैं। इसका बहुत अधिक इस्तेमाल मनोरंजन की दुनिया में अधूरे सीरियल या अधूरी कहानियों के रूप में किया जाता है जिससे उनके प्रोग्राम की पॉपुलैरिटी बनी रहे । इसका लाभ हम भी उठा सकते हैं।
पढ़ाई – जिन विद्यार्थियों में यह स्वभाव है वह अपनी पढ़ाई को बीच बीच में रोक कर कुछ अन्य काम कर सकते हैं(जैसे- खेलना, मनोरंजन या अपनी हॉबी वाले काम ) और फिर पढ़ाई आगे बढ़ा सकते हैं । उन्हें पढ़ाई बेहतर याद रहेगी। यह उन्हें अच्छी याददाश्त प्रदान करेगा।
मल्टीटास्किंग – वे एक साथ में दो तरह के काम करने का फायदा उठा सकते हैं जिसमें एक काम के बाद कोई दूसरा अन्य काम करें और फिर वापस पहले काम पर आएं तो इस तरह से दो या तीन काम होते रहते हैं और चूँकि ऐसे लोगों में काम खत्म करने की प्रवृति मजबूत होती है, इसलिए काम तेजी से होता है अौर जल्दी खत्म होता है। साथ हीं अगले काम को करने की प्रेरणा बनी रहती है
तनाव दूर करना – अधूरे काम से तनाव होता है। तनाव को खत्म करने के लिए एक आसान तरीका है, छोटे हलके काम करना। जिससे काम खत्म होने के बाद लोग तनावरहित महसूस करते हैं उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
अधूरा काम हमारी उत्सुकता को बनाए रखता है और हम उत्साहित रहते हैं। दुनिया के बहुत से खोज इसी स्वभाव के कारण हुए है इसलिए हमें अपनी उत्सुकता को बनाए रखना चाहिए और ज़ैगर्निक इफेक्ट के सकारात्मक रूप का फायदा उठाना चाहिए।