जिंदगी में हर रिश्ते एक दूसरे से
मुकाबला,आज़माइशें या
बराबरी करने के लिये नहीं होते हैं।
कुछ रिश्ते एक- दूसरे के हौसले इज़ाफ़ा करने अौर
कमियों को पूरा करने के लिये भी होते हैं।।
तभी ये रिश्तों को दरख्तों के जड़ों की तरह थामे रखते हैं।
जिंदगी में हर रिश्ते एक दूसरे से
मुकाबला,आज़माइशें या
बराबरी करने के लिये नहीं होते हैं।
कुछ रिश्ते एक- दूसरे के हौसले इज़ाफ़ा करने अौर
कमियों को पूरा करने के लिये भी होते हैं।।
तभी ये रिश्तों को दरख्तों के जड़ों की तरह थामे रखते हैं।
दरख्तों से ताल्लुक का हुनर सीख ले इंसान,
जड़ों में ज़ख्म लगते हैं, और सूख टहनियाँ जाती हैं.
Anonymous