जब भी कहीं डेरा डालना चाहा.
रुकना चाहा.
ज़िंदगी आ कर कानों में धीरे से कह गई-
यह भी बस एक पड़ाव है…
ठहराव है जीवन यात्रा का.
अभी आगे बढ़ना है,
चलते जाना है. बस चलते जाना है.
image courtesy – Aneesh
जब भी कहीं डेरा डालना चाहा.
रुकना चाहा.
ज़िंदगी आ कर कानों में धीरे से कह गई-
यह भी बस एक पड़ाव है…
ठहराव है जीवन यात्रा का.
अभी आगे बढ़ना है,
चलते जाना है. बस चलते जाना है.
image courtesy – Aneesh
बंद आँखें ….
कंधे पर ले बोझ ,
जलते अौर चलते जाना जीवन नहीं !!!
दिल की धङकने
और अपनी अंदर जल रही लौ
का दर्पण,
खुले पंख ,
खुशी अौर दर्द के साथ जीना ….
….उङना,
ऊपर उठना सीखा देती है!!!!!