समंदर हँसा रेत पर – देखो हमारी गहराई अौ लहराती लहरें,
तुम ना एक बुँद जल थाम सकते हो, ना किसी काम के हो।
रेत बोला —
यह तो तुम्हारा खारापन बोल रहा है,
वरना तुम्हारे सामने – बाहर अौर अंदर भी हम हीं हम हैं
— बस रेत हीं रेत !!!
समंदर हँसा रेत पर – देखो हमारी गहराई अौ लहराती लहरें,
तुम ना एक बुँद जल थाम सकते हो, ना किसी काम के हो।
रेत बोला —
यह तो तुम्हारा खारापन बोल रहा है,
वरना तुम्हारे सामने – बाहर अौर अंदर भी हम हीं हम हैं
— बस रेत हीं रेत !!!