कुछ लोगों को दूसरों को
इस्तेमाल करने की आदत होती है।
अगर ना करने दिया
तो नाराज़ हो जातें हैं।
पर समझा करो यार –
हर कोई यूज़ एंड थ्रो नहीं होता।
कुछ लोगों को दूसरों को
इस्तेमाल करने की आदत होती है।
अगर ना करने दिया
तो नाराज़ हो जातें हैं।
पर समझा करो यार –
हर कोई यूज़ एंड थ्रो नहीं होता।
यह प्राचीन, दार्शनिक व्याख्या है। जो सिर्फ गैर-प्लेटोनिक प्रेम को जानते हैं, उन्हें त्रासदी पर बात करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस तरह के प्रेम में किसी प्रकार की त्रासदी का स्थान नहीं हो सकता। – लियो टॉल्स्टॉय।
प्लेटोनिक संबंध या प्रेम दो लोगों के बीच एक विशेष भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध है, जो सामान्य हितों, मिलते-जुलते विचारों, आध्यात्मिक संबंध, और प्रशंसा हैं। अधिकांश दोस्ती व्यक्तिगत रुप से या कार्यस्थान से शुरू होतें हैं।
इसका नाम ग्रीक दार्शनिक प्लेटो के नाम पर रखा गया है, हालांकि उन्हों ने कभी भी इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। प्लेटोनिक प्रेम निकटता से हुए आत्मियता, लगाव अौर आकर्षण है। इसमें शारीरिक लगाव या आकर्षण से ज्यादा ज्ञान और सच्चे सौंदर्य के साथ जुड़ाव होता हैं।
You must be logged in to post a comment.