मन का सुकून

हम सब जग में लोगों से रिश्ते बनाते हैं।

कभी अपने साथ प्रेम और इश्क़ भरा

रिश्ता बना कर देखो।

लोगों को अपने जीवन के

दायरे और सीमा बता कर देखो।

ग़र मन का सुकून चाहिए,

दूसरों के बदले खुद के लिए

जीवन जी कर देखो।

कई उलझनें ख़ुद-ब-ख़ुद सुलझने लगेंगी।

इश्क़ तन्हाईयों से

तन्हाईयाँ ख़्वाबों तक जाने की राहें बनातीं हैं।

हौसला हो एकांत से इश्क़ करने का।

तो तन्हाईयाँ मंज़िल पाना आसान बनातीं हैं।

मेरे दिल का गुलाब Happy Rose day!!

#topic given by YourQuote.

इश्क़

कुछ मोहब्बतें

जलतीं-जलातीं हैं।

कुछ अधुरी रह जाती हैं।

कुछ मोहब्बतें अपने

अंदर लौ जलातीं हैं।

जैसे इश्क़ हो

पतंग़े का चराग़ से,

राधा का कृष्ण से

या मीरा का कान्हा से।