
अपनी ख़ुद्दारी और
आत्मसम्मान पर नाज़ करो।
झिझक नहीं।
अपने वजूद का सम्मान
ख़ुद हम नहीं करेंगे,
तब दूसरों से इज़्ज़त
पाएँगें कैसे?
अपने अहमियत को
ख़ूबसूरती से सम्भालो
तभी ज़माना अहमियत देगा।

अपनी ख़ुद्दारी और
आत्मसम्मान पर नाज़ करो।
झिझक नहीं।
अपने वजूद का सम्मान
ख़ुद हम नहीं करेंगे,
तब दूसरों से इज़्ज़त
पाएँगें कैसे?
अपने अहमियत को
ख़ूबसूरती से सम्भालो
तभी ज़माना अहमियत देगा।