ज़िंदगी कविता है !

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रहस्यों भरी ज़िंदगी

ज़िंदगी के रंग – 250

पहले ऐसे नहीं थे!!

तुम्हारी रौशनी

शर्मिंदा विषधर ( व्यंग)

ज़िंदगी के रंग – 249

जीवन डोर

धुआँ धुआँ सी तन्हाई

फॉर ग्रांटेंट….हल्के में!