नारी

सबसे सुंदर कविता तो नारी है .

आग-पानी-आकाशवायु पृथ्वी 

पंचतत्व….पंचमहाभूत…..से बनी ,

है सरलतम पर सबसे गूढ़ .

माया कहो या महामाया !!!

नाज़ुक पर शक्ति रूपा.

 

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