पसंदीदा खिलौना

ऊपरवाले, क्यों सारे  इम्तिहान मेरे हीं लिये? जिंदगी सबक सिखने के लिये कम है क्या?

क्या  हम तुम्हारे पसंदीदा खिलौना हैं ?

रोज़ खेलते, रोज़ तोङते-जोड़ते हो?

जवाब आया – क्या करुँ,

तु भी तो प्रार्थना करती है  शर्त दर शर्त ……….

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