कहाँ खो गए , जैसे खो जातें हैं
रात के सितारे सवेरे की रोशनी में .
दर्द टूट के बिखरा था मेरी आँखो से
टूटते तारों की तरह .
दर्द के सागर के बीच,
दिल की कसक में रह गई,
ख्वाहिशे …..शिकायत ……
आख़िर में ना मिल पाने की .

कहाँ खो गए , जैसे खो जातें हैं
रात के सितारे सवेरे की रोशनी में .
दर्द टूट के बिखरा था मेरी आँखो से
टूटते तारों की तरह .
दर्द के सागर के बीच,
दिल की कसक में रह गई,
ख्वाहिशे …..शिकायत ……
आख़िर में ना मिल पाने की .

शक और विश्वास जीवन के हिस्सें हैं.
शक ख़ुशहाल मन में भी
भय का अंधकार भर देता हैं.
विश्वास जीवन के भय भरे पलों में भी
ख़ुशियाँ और शकुन ला देता है.

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