
इससे तो अच्छे थे,
जब हम बच्चे थे।
यह क्या बात हुई?
सूट बूट पहना,
भरी सङकों पर,
भीड़ में पब्लिक के सामने ऐसा नाच नचाते हो?
टारगेट पूरी नहीं हुई तो घुटनों पर चलाते हो?
अब तो लगता है ऑफिस में काम करने से ज्यादा अच्छा है ,
बच्चों की तरह चार पैरों पर घूमते रहना,
हम खबर बनें, दुनिया में हमारी तस्वीर बँटे।
इससे तो हम बहुत ज्यादा अच्छे थे,
जब हम बच्चे थे……….

बिल्कुल सही कहा!
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मुझे यह बङा humiliating लगा क्यों company ने शुरू से safety measures नहीं लिया? अचानक loss नहीं होता है। या फिर owners n managing members को भी crawl करना चाहिये था।
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Sahi baat!
Mujhe gana yaad aa gaya – hum bhi agar bacche hote…. 😉
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Thanks, 😊 is ka heading kuch Aisa hi hai.
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Lovely satire
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Thank you.
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So aana sach…😂😂
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😊aabhaar.
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suswagtam…😆
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