चूर-चूर

यह दुनिया

यह ज़िंदगी

सब अजनबी लगते हैं.

एक आईना हीं था जो पहचानता था

वह भी गिर कर चूर-चूर हो गया .

15 thoughts on “चूर-चूर

    1. कुछ मेरी लापरवाही और कुछ मोबाईल से लिख कर Post करने की आदत …..पर ग़नीमत है आप जैसे सुधि ब्लॉग मित्र हैं, भूल बताने के लिए .
      बहुत बहुत आभार !!

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