ज़माने और लोगों की
दिल जलाने वाली बातों से बेज़ार
औ दर्द से बेचैन , नीले पड़े होंठों पर
बनावटी मुस्कान के साथ
खड़े होने की हिम्मत कर
पैरों को ज़मीं पर रखा और किरचियाँ चुभीं.
देखा सामने अपने हीं
टूटे दिल के टुकड़े बिखरे थे .
नज़रें उठा बस इतना कहा –
हमारा हौसला ना तोड़ो .
फिर से खड़े होने दो हमें.
ना छेड़ो ज़ख़्मों को ,
बड़ा दर्द होता है .



Magnificent and touched the heart
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thank you. May be because they are my true feelings.
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भाव अच्छे हैं। खडे होते दो की जगह खडे होने दो होगा।
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बहुत धन्यवाद भूल सुधारने के लिए .😊
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Thank you.
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जीवन की सच्चाइयों से दो चार करती रचना I
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जीवन की सच्चाई हीं लिखती हूँ ताकि मन का बोझ कुछ तो हलका हो जाये।
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