ज़िंदगी के रंग – 99

हम तो भाग रहें है ज़िन्दगी के साथ ,

यह वक़्त क्यों और कहाँ भाग रहा है ?

काश! वक़्त तुम ठहरते कुछ पल,

हम दोनों साँस ले लेते .

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