जिंदगी के रंग – 96

पलट कर अंजुमन-ए- ज़िंदगी को देखा

याद आये इस महफिल के

कई पल… कई रंग….. !

सीखे नियमों का अंधा अनुकरण,

अपनी सोंच कम .

लोग क्या कहेंगे …..

औरों को ख़ुश रखने की कोशिश ….

सब बेकार हो गया .

बेज़ार ज़िंदगी ने हीं सिखाया सबक़ .

किसी का दिल दुखाए बिना ,

अपने नियम बनाओ !

अपने लिए खड़े होना सीखो ,

अपने आप को प्यार करो

और ख़ुश रखो !!!!

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