सागर की लहरें उमंग से किनारे को
आग़ोश में लेने और चूमने
बार बार आतीं.
हसरत से …..
दामन में सीप शंख ला
उपहार छोड़ जातीं .
किनारा ने डूबती
दर्द भरी आवाज़ में
सागर से कहा –
तुम्हें मैं नहीं रोक सकता .
हाँ , तुम्हारे जाते हुए लहरों
के निशाँ को अपने
दिल पर बनाए रखता हूँ.

behtreen likha hai…👌
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Shukriya Kabir 😊
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My pleasure…😊
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behtreen likha hai…😊
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Dhanyvaad!!!!!
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aabhaar….😊
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behtarin likha hai.👌👌
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Shukriya Madhusudan 😊
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दिल पे लगे दाग भी अच्छे होते है।
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हाँ ,😊 दाग़ भी अच्छे होते हैं.
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