लहरें

सागर की लहरें उमंग से किनारे को

आग़ोश में लेने और चूमने

बार बार आतीं.

हसरत से …..

दामन में सीप शंख ला

उपहार छोड़ जातीं .

किनारा ने डूबती

दर्द भरी आवाज़ में

सागर से कहा –

तुम्हें मैं नहीं रोक सकता .

हाँ , तुम्हारे जाते हुए लहरों

के निशाँ को अपने

दिल पर बनाए रखता हूँ.

10 thoughts on “लहरें

Leave a comment