बरसात में बिन बोए भी
कुकुरमुते निकल आते है,
वैसे ही जैसे बिन बुलाए बरस जाते है बादल .
पहाड़ों में दी आवाज़ें भी गूँज बन
लौट आती है वापस.
फिर क्यों कभी – कभी ,
किसी किसी को बुलाने पर भी
जवाब नहीं आता ?
कहाँ खो जाती है?
ये सदाये…… ये पुकार …… ये लोग ?
बरसात में बिन बोए भी
कुकुरमुते निकल आते है,
वैसे ही जैसे बिन बुलाए बरस जाते है बादल .
पहाड़ों में दी आवाज़ें भी गूँज बन
लौट आती है वापस.
फिर क्यों कभी – कभी ,
किसी किसी को बुलाने पर भी
जवाब नहीं आता ?
कहाँ खो जाती है?
ये सदाये…… ये पुकार …… ये लोग ?
bas yadon me teher jate hain ye log…
Very beautiful thought
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True. Thank you ☺️
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कहीं नहीं खोते… अपने दिल की ज़ानिब नज़र झुकाकर देखेंगी तो आपके सारे अपने वहीं मिलेंगे…
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इतने प्यारे और ख़ूबसूरत जवाब के लिए शुक्रिया .
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Thank you ☺️
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Great
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Thank you ☺️ Rupam
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