जीवन पथ की पगडंडियाँ ,
कच्ची पक्की राहें
कभी चमकती जगमगाती बिजली ,
कही दीप,
कहीं जुगनुओं की रोशनी में
ज़िंदगी बड़ी आगे निकल आई .
पीछे पलट कर देखने पर
ढेरों स्मृतियाँ घेर कर बैठ जाती है .
काश वापस भी जाने की भी राहें होतीं..
..
जीवन पथ की पगडंडियाँ ,
कच्ची पक्की राहें
कभी चमकती जगमगाती बिजली ,
कही दीप,
कहीं जुगनुओं की रोशनी में
ज़िंदगी बड़ी आगे निकल आई .
पीछे पलट कर देखने पर
ढेरों स्मृतियाँ घेर कर बैठ जाती है .
काश वापस भी जाने की भी राहें होतीं..
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