कोई रंग नहीं
विचारों, यादों का
पानी की तरह .
ना जाने कहाँ से
कभी काले उदास रंग से और
कभी ख़ुशनुमा सतरंगे रंगो से
रंग जातें है सब .

कोई रंग नहीं
विचारों, यादों का
पानी की तरह .
ना जाने कहाँ से
कभी काले उदास रंग से और
कभी ख़ुशनुमा सतरंगे रंगो से
रंग जातें है सब .

Very nice… 🙂
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Thank you 😊
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क्या कहूँ कहा।बिल्कुल सही विचारों का क्या कब मोड़ ले ले।
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आभार मधुसूदन अपने विचार व्यक्त करने के लिए .
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lajwaab
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Dhanyvaad Naren.
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waah bahut khoob beautiful poem
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Wah! bahut Umda!
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nice…
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thank you 🙂
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Loved the lines!!
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Thank you Deeksha.
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