ना जाने कितने हथियार बने
कितने दवा बनी ,
पर ‘शब्द ‘ में है
सारी शक्ति ……
ख़ुशी …ग़म …. पीड़ा … या तस्सली
देनी हो .
मीठे – खट्टे शब्द या बोली हीं
काफ़ी है.

ना जाने कितने हथियार बने
कितने दवा बनी ,
पर ‘शब्द ‘ में है
सारी शक्ति ……
ख़ुशी …ग़म …. पीड़ा … या तस्सली
देनी हो .
मीठे – खट्टे शब्द या बोली हीं
काफ़ी है.

Nice..😊😊
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Thank you 🙂 Manish.
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बहुत अच्छी बात कही है।
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शुक्रिया आपका।
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शब्द हों मधु से मीठे
शब्द न हों तीखे वाण
शब्द से जुड़ते रहें सब
एक मन एक प्राण
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बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ . बहुत आभार 😊
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शब्द हों मधु से मीठे
शब्द न हों तीखे वाण
शब्द से जुड़ें सब जन
बढे प्रेम और सम्मान
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बिलकुल सही कहा आपने .
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👌⭐⭐⭐⭐⭐🌼😍
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Thank you ☺️
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True lines.
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Thank you 🙂
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