हाल

क्या हाल है ?

छोटा सा सवाल है .

पर कई बार हालात,

हाल पूछने से भी

ठीक लगने लगते है .

कोई अपना है

यह अहसास ही अच्छा

लगने लगता है .

6 thoughts on “हाल

  1. अपने मिल जांयें यही बहुत है।
    अपनों का साथ एक सुखद अहसास है
    जैसे गर्म रेगिस्तान में पानी की आस है
    रेत की आंधी में नजर कुछ आता नही
    फिर भी नजरों को किसी की तलाश है।

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  2. मिर्ज़ा ग़ालिब का मशहूर शेर है : ‘उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पे रौनक, वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है ।’ आप भी कुछ ऐसा ही कहना चाहती हैं न रेखा जी ?

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