जिंदगी के रंग -68

कौन हो तुम सब ?

धुँधली आकृति ने कहा –

इतनी जल्दी भूल गए ?

मैं तुम्हारा बीता  कल हूँ .

कल तुम्हारा अनमोल आज था .

दूसरे ने कहा मैं तुम्हारा आज हूँ

कल जिसे तुम ,

आने वाला कल मानकर

स्वागत की तैयारी में थे .

और यह तुम्हारा आनेवाला कल है

जो जल्दी ही हमारी तरह बीत जाएगा .

यह तो जीवन चक्र है

आना जाना सृष्टि का नियम है .

हँस कर जी लो ज़िंदगी को ,

जी भर कर ,

Hindi Journalism Day

30  को मई हमारे देश में हिंदी पत्रकारिता दिवस  मनाया जाता है ।

पहली हिंदी साप्ताहिक  पत्रिका ‘ उदन्त  मार्तण्ङ’ का प्रकाशन आज के

दिन 1826  में युगल किशोर शुक्ल ने शुरु किया था। इस में ब्रज

भाषा व  खङी बोली का मिलाजुला इस्तेमाल होता था। 

 

नागवेणी – रहस्यमय कहानी

Rekha Sahay's avatarThe REKHA SAHAY Corner!

 डूबते सूरज की लाल किरणो से निकलती आभा चारो ओर बिखरी थी. सामने, ताल का रंग लाल हो गया था. मैं अपनी मोबाईल से तस्वीर लेने लगी. डूबते सूर्य किरणों के साथ सेल्फी लेने की असफल कोशिश कर रही थी. पर तस्वीर ठीक से नहीं आ रही थी. तभी पीछे से आवाज़ आई – ” क्या मैं आपकी मदद कर सकती हूँ ? “चौक कर पलटी तो सामने एक खुबसूरत , कनक छडी सी, आयत नयनो वाली श्यामल युवती खड़ी थी.

मैंने हैरानी से अपरिचिता को देखा और पूछा – “आप को यहाँ पहले नहीं देखा. कहाँ से आई है? और मोबाईल उसकी ओर बढ़ा दिया . उसने तस्वीरें खींचते हुये कहा – कहते हैं , डूबते सूरज के साथ तस्वीरें नही लेनी चाहिये. मैं भी अस्ताचल सूर्य के साथ अपनी तस्वीर लिया करती थी. फ़िर गहरी नज़रों से उसने मुझे देखते हुये मेरे मन की बात कही – बडे…

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Pearls of wisdom

तिमिर गया रवि देखते, कुमति गयी गुरु ज्ञान |

सुमति गयी अति लोभाते, भक्ति गयी अभिमान ||

Darkness disappears

when the sun arises

and ignorance goes

away by the Guru’s wisdom (gyan). Wisdom is lost because of greed, and devotion is lost because of ego.

Kabir

हाल

क्या हाल है ?

छोटा सा सवाल है .

पर कई बार हालात,

हाल पूछने से भी

ठीक लगने लगते है .

कोई अपना है

यह अहसास ही अच्छा

लगने लगता है .

टूटते रिश्ते , टूटते दिल

टूटते सितारे

टूटते शीशे ….आरसी…..

ना जाने क्यों बुरे माने जातें है .

बुरा तो है …..

टूटते रिश्ते ….

टूटते दिल.

पर क्यों किसी का

उस पर ध्यान नहीं जाता .

दर्द तो उसमें हीं

सबसे ज़्यादा होता है …..

युद्ध और प्रेम

युद्ध में हम

मिटाकर जीतते हैं

और प्रेम में हम

मिट कर जीतते हैं.

Unknown

कुर्सियों के कीड़े

हम बचाते रह गए

दीमक से अपना घर

कुर्सियों के चन्द कीड़े

सारा मुल्क खा गए.

Unknown

Unfold your own myth.

Don’t be satisfied

with stories,

how things have

gone with others.

Unfold your own myth.

 

 

Rumi ❤❤

शैङो सेल्फ

 

शैङो सेल्फ – शैङो सेल्फ  किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का  अज्ञात, अंधकारमय  पक्ष  है। कुछ बातें हमारा मन  नहीं चाहता है कि हम में  हो ( जैसे -आदिम व्यवहार, नकारात्मकता, सामाजिक या धार्मिक रूप से अमानवीय भावनाएँ और यौन वासनाएँ,  स्वार्थपन, लालच, ईर्ष्या, क्रोध जैसे आवेग), लेकिन हमारे मन का   एक हिस्सा डरता है या   हम सभी को अक्सर लगता है कि हममें  ऐसी बुराईयाँ हैं।  संक्षेप में, शैङो सेल्फ व्यक्तित्व का “अंधेरा पक्ष” है। जो कुछ भी हमें बुरा अौर अस्वीकार्य लगता हैं, और खुद में होने से ङरते हैं वह शैङो सेल्फ का हिस्सा बन जा सकता है।

अपने इस व्यवहार को  समझना उपयोगी  है क्योंकि शैङो सेल्फ  के कारण  हम सभी बहुत से रक्षात्मक या ङीफेनसिव व्यवहार ( अपने को बचाने की कोशिश)  करते हैं। जुंग के अनुसार, शैङो सेल्फ सामान्य अौर और तर्कहीन व्यवहार  है जो अक्सर सभी मैं होता है। इसकी वजह से हम बहुत सी बातों को गलत तरीके से व्यक्त ( मनोविज्ञान प्रक्षेपण)    करने लगते  है।  अपने आप को नैतिक रूप से कम आकंने ( व्यक्तिगत न्यूनता ) लगते हैं  अौर  हीनता के शिकार हो जाते हैं।