कङवी या मीठी-मृदु,
सबकी जिंदगी है एक कहानी।
कुछ हँसाती, कुछ रुलाती,
रसीली या निरस
जहाँ
अपनों को अपना बनाये रखने की कोशिश में
पराये तो अपने हो जाते हैं,
पर कुछ अपने अौर कुछ सपने हीं खो जाते हैं।
कङवी या मीठी-मृदु,
सबकी जिंदगी है एक कहानी।
कुछ हँसाती, कुछ रुलाती,
रसीली या निरस
जहाँ
अपनों को अपना बनाये रखने की कोशिश में
पराये तो अपने हो जाते हैं,
पर कुछ अपने अौर कुछ सपने हीं खो जाते हैं।
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