आँसू अौ मुस्कान

सुनने वाले के लिये जो सिर्फ  कहानियाँ  हैं,

उनमें कितनी अौर कहानियाँ,

आँसू अौ मुस्कान छुपे हैं,

सुनाने वाला हीं जान सकता है।

75 thoughts on “आँसू अौ मुस्कान

      1. परेशानी ही तो लोगो से लोगो की पहचान करवाती है और इसमें जो आप अनुभव करते है उसे अपनी लेखनी के माध्यम से व्यक्त करते है।

        Liked by 2 people

      2. बिलकुल, मैं अक्सर वही लिखती हूँ । आप अौर आपके परिवार से यही कह सकती हूँ –
        समय अच्छा हो या खराब , बीत ही जाता है। किसी अौर सहारे को खोजने से अच्छा है खुद से खुद को संभालना!!!!!

        Liked by 4 people

      3. हाँ ….वैसे भी जो दूसरों के सहारे जीता है उसका कोई अस्तित्व ही नही होता। कहते है ना….ये दुनियां एक रंग -मंच है प्यारे
        यहाँ गिरना भी खुद है और उठना भी खुद है।

        Liked by 2 people

      4. सही है, वैसे भी लोग आपकी परेशानियों को कितनी गहराई से समझ पायेगें, मालूम नहीं।

        Liked by 2 people

      5. नही समझता है यहाँ कोई …….बस दिखावटी दुनिया है , दिखावा तो जरूर करेंगे।

        Liked by 2 people

      6. दूसरों को समझाने में अपना वक्त लगाने से क्या फायदा? दूसरों से इतनी उम्मिदें क्यों??? सब अपने आप में परेशान अौर उलझे हैं। अपने अौर अपने परिवार को समझें।

        Liked by 1 person

      7. सब अपने आप मे नही बल्कि दुसरो की खुशी देखकर परेशान रहते है। जब आप खुश रहते है तो ये बात हजम नही होती और जब बुरा होता है तो कहते है कि जो जैसा करता है वैसा पता है।

        Liked by 2 people

      8. यह तो उनका हलकापन दिखलाता है। ऐसी बातों का जवाब कभी ना कभी समय देता है –ऐसा मेरा मानना है।

        Like

      9. मेरे ख्याल में, जिंदगी में आगे बढ़ जाना चाहिये। समय को अपना काम करने देना चाहिये।

        Liked by 1 person

      10. हाँ ……समय तो अपना काम करती ही है लेकिन समय के भरोसे बैठना वेवकूफी है इसलिए आगे तो बढ़ना ही है।

        Liked by 1 person

  1. आप बहुत अच्छा लिखती है……शायद ये वही लिख सकता है जिसने जिंदगी को नजदीक से समझा हो।

    Liked by 3 people

  2. bahut hi sahi likhaa….waise kahaaniyon ko wahi samajh saktaa hai jisne dil se sunaa ho…….
    ek shabd bahut kuchh kah jaate hain,
    kahani to kahaani hai,
    waise to kore kaagaj bhi bahut kuchh kah jaate hain,
    kahaani to kahaani hai,

    Liked by 3 people

    1. जी, कहानियाँ तो अक्सर शब्दों मे कही जाती हैं। पर जिन पर गुजरती है , महसूस तो वही करते हैं।

      Like

Leave a comment