मृत अतीत – कविता 

मृत, कटु अतीत  , यादों का बोझ

स्मृतियों की निष्ठुरता

अक्सर बङी भारी होती है।

इनके वज़न तले दबे रहने से

अच्छा है, इस घुटन से निकल

इन्द्रधनुष के सात रंगों में  जीवन जीना।

26 thoughts on “मृत अतीत – कविता 

  1. atit bada anmol hota hai isme dukh bhi hota hai or khushi bhi
    isse bahut kuch sikha ja sakta hai agar sikhne ki lagan ho to
    galtiya karna behad jaruri hai agar aap ne apni zindagi me koi galti nahi ki iska matlab apne kuch naya sikhne ki ya kuch karne ki koshish bhi nahi ki

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    1. बहुत धन्यवाद दानिश, मैं ऐसे किसी उत्तर की प्रतीक्षा में थी। जिंदगी में अतीत से सबक मिलता है ।जो जरूरी है लेकिन बहुत बार हम अतीत के कटु कड़वी यादों के में उलझ जाते हैं और उनसे आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है ऐसे में अच्छा है कि हम उनसे सबक लें लेकिन उनसे आगे बढ़ जाए नहीं तो यह मानसिक तनाव देती रहेगी।

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  2. आपके कविता से प्रभावित होकर मैंने भी कविता लिखा है …और अपने पेज पर प्रकाशित किया है।

    आभार आपका. . .

    बढ़ते चले जाओ
    होते हैं अतीत की यादें ,
    कुछ खट्टे,कुछ मीठे ,
    यही तो ज़िंदगी है ,
    मत रुको अये दोस्त ,
    उन कड़वे यादों में खो कर,
    बस बढ़ते चले जाओ मुस्कुराते हुए ,
    अपनी मज़िल की ओर ,
    मिल ही जाएगी मंजिल ,
    विश्वास रखो ख़ुद में ,
    बस सीखते जाओ ,
    अपने अतीत से।

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    1. बहुत आभार रविंद्र जी इस सम्मान के लिए। अतित एक खजाना है जिसका अपना मूल्य है और वह अनमोल है। लेकिन जब अतीत का कोई हिस्सा डराने और रुलाने लगे, तो अच्छा है कि उसे पीछे छोड़ कर आगे बढ़ जाए । बहुत खूबसूरत कविता आपने रची है । धन्यवाद!

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  3. जब मृत देह को संभाल कर नहीं रखा जाता तो मृत यादो को क्यों…अतीत की अंत्येष्टि भी जरुरी है..जीवन में आगे बढ़ने के लिए….बहुत ही सुन्दर है आपकी रचना….👍👍👍👍😃

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