खिला खिला गुलमोहर तपिश में मोहरें लूटाता रहा…..
पूरा चाँद, रात भर जल कर चाँदनी बाँटता रहा.
ना पेड़ों ने कहीँ अपना नाम लिखा ना शुभ्र गगन में चाँद ने.
और हम है घरों – कब्रों पर अपना नाम लिखते रहते है.

Images from internet.
खिला खिला गुलमोहर तपिश में मोहरें लूटाता रहा…..
पूरा चाँद, रात भर जल कर चाँदनी बाँटता रहा.
ना पेड़ों ने कहीँ अपना नाम लिखा ना शुभ्र गगन में चाँद ने.
और हम है घरों – कब्रों पर अपना नाम लिखते रहते है.

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