About the name of my blog –
Narrative transportation theory proposes that when people lose themselves in a story or write-up, their attitudes and intentions change to reflect that story.
According to Psychology this theory can be used to explain the persuasive effect of what people read. Stories, poetry and write-ups may have a huge influence on the readers mind .
मेरे ब्लॉग के नाम के विषय में –
मेरे ब्लॉग का नाम नरेटिवे ट्रांसपोटेशनया परिवहन कल्पना है। यह नाम कुछ अलग सा है। इसलिए मैं इस बारे में कुछ बातें करना चाहूंगी। कभी-कभी हम किसी रचना को पढ़ कर उसमें डूब जाते हैं। उसमें खो जाते हैं। उस में कुछ अपना सा लगने लगता है। ऐसी कहानी या गाथा जो आप को अपने साथ बहा ले जाये। हमारा मन उसमें ङूब जाये । इस प्रभाव को कथा परिवहन अनुभव या नरेटिवे ट्रांसपोटेशन कहते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत है।
मैं चाहती हूँ कि मेरी रचनाओं को पढ़ने वाले पाठक भी ऐसा महसूस करें। इसमें हीं मेरे लेखनी की सार्थकता है। शब्दों का ऐसा मायाजाल बुनना बहुत कठिन काम है। फिर भी मैं प्रयास करती रहती हूँ। अगर मेरा यह प्रयास थोड़ा भी पसंद आए। तब बताएं जरूर। यह मेरा हौसला बढ़ाएगा।
