It is perfectly normal for writers to fall short of words and ideas sometimes. In my experience reading is the best solution to develop a treasure of words and ideas. So just keep reading and of course keep smiling.and yes keep writing too!
कुछ समय पहले मैंने अपने एक ब्लॉगर मित्र को दुविधाग्रस्त पाया. विचारों और शब्दों के जाल में उलझा पाया. मेरा ख्याल हैं , हम सब कभी ना कभी ऐस समय से गुजरते हैं. ऐसे में अध्ययन करना या पढ़ना मदद कर सकता हैं. इस से हमारे पास अपने आप शब्दों और विचारों का भंडार बन जाता हैं. बस फिर इनसे हम अपनी दुनिया बना सकते हैं. लोगों को हँसा और रुला सकते हैं. पढ़ने के लिये हमारे पास ब्लॉग और पुस्तकों की अनमोल दुनिया हैं.