एक भी पंक्ति या वाक्य के लिखने के लिए
हाथ में कलम और मस्तिष्क में विचार होने चाहिए।
लेखक, और कवि बनने के प्रयास में
अगर लोग बौद्धिक अौर आत्मिक अभ्यास करते हैं ,
तब क्या फर्क पड़ता है कि पाठक ज्यादा है या लेखक?
यह तो मानसिक उपलब्धि है.
हम सभी जानते हैं कि हर स्तर के पाठक, लेखन ,लेखक व प्रकाशन मौजूद है।
और सभी का बाजार भी है।
अगर किसी ने लिखना शुरू कर दिया है।
तो क्या यह संभव नहीं है कि लिखते लिखते
उसके स्तर में, मानसिकता में, सुधार आए ?
और उसका स्तर ऊपर उठता जाए।
इसलिए हमारे दैश में ज्यादा जरूरी है कि
लोग पढ़ना और लिखना शुरू करें ।
कुछ भी लिखने के लिए पहली जरूरत है –
कुछ भी पढ़ना, हाथ में कलम उठाना ,
कुछ सीमा तक जागरूक और बौद्धिक होना ।


Edition 273



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