
कितनी बड़ी विडम्बना है
नारी जिस मातृत्व के लिए और पूज्यनीय मानी जाती है।
वही उसकी सबसे बड़ा स्टिग्मा …कलंक भी है।
सच तो यह है कि इस देन की वजह से,
नारियों को कई कष्ट अौर भेदभाव सहने पड़ते हैं।
पहले की बात अलग थी , पर आज के वैज्ञानिक युग में भी नासमझी?
उन्हें अपने से ऊपर मत समझो,
बस बराबर समझो, इंसान समझो .
ईश्वरीय देन हीं ईश द्वार जाने की अड़चन ना बनाअो।
सीता कैसे मंदिरों में निवास करतीं है ?
ब्रह्मचारी हनुमान उनके चरणों में होते हैं.
वह भी तो पूर्ण नारी हैं और माँ भी ।
English News — Sabarimala Temple reopens after purification rituals
news about Sabarimala –https://www.hindustantimes.com/topic/sabarimala