चेरापुंजी ( खूबसूरत यात्रा वृतांत )

शिलांग के पास, चेरापुंजी विश्व की सबसे ज्यादा बारिश वाली जगह है। इस स्थान का वास्तविक नाम सोहरा है। सोहरा बड़ी साफ-सुथरी जगह है। यहाँ के इको पार्क से पहाड़, और घाटियाँ का नज़ारा खूबसूरत लगता है।

यहाँ की एक और लाजवाब चीज़ है- पेडों की सजीव जड़ों से बना झूलता पुल। यहाँ की ख़ासी जन जातियों के लोग अपने अद्भुत योग्यता का इस्तेमाल करते हुए इस तरह के पुल बना लेते हैं। जब किसी नदी के ऊपर यह पुल बनाना होता है, तब ये सुपारी के पेड़ के लंबे-लंबे तनों को बीच से चीर कर नदी के ऊपर इस पार से उस पार तक रख देते है। यहाँ के रबर के पेड़ों की नई पतली जड़ों को उस दिशा में बढ़ने देते है। यहाँ का मौसम और हमेशा होने वाली बारिश इन जड़ों को सुपारी के तनों पर बढ्ने में मदद करती है। बढ़ते-बढ़ते दूसरे किनारे पर जा कर ये जड़ें मिट्टी में जड़ें जमा लेतीं हैं। धीरे-धीरे ये जड़ें मजबूत हो जाती है। इस तरह ये जड़ें मजबूत पुलों का रूप का ले लेती है।

इन पर से आसानी से नदी पार किया जा सकता है। ये पुल बहुत मजबूत होतें हैं। इस तरह के पुल मानव मस्तिष्क की अद्भुत देन है। पूरे विश्व में ये पुल अनोखे हैं। ऐसे पुल और कहीं नहीं पाए जाते हैं।