
विडम्बना
जिस चित्रकूट घाट पर तुलसीदास बैठा करते,
सती अनुसुइयाऋषि अत्रि की थी तपो भूमि ,
राम, लक्ष्मण सीता के वनवास की पावन भूमि .
उसे भी अपावन कर दिया कलयुग में.
क्या दोषी सज़ा पाएँगे या हमेशा की तरह …..
शान से घुमते नज़र आएँगे ?

विडम्बना
जिस चित्रकूट घाट पर तुलसीदास बैठा करते,
सती अनुसुइयाऋषि अत्रि की थी तपो भूमि ,
राम, लक्ष्मण सीता के वनवास की पावन भूमि .
उसे भी अपावन कर दिया कलयुग में.
क्या दोषी सज़ा पाएँगे या हमेशा की तरह …..
शान से घुमते नज़र आएँगे ?