स्पंदन

spandan

जीवन के इस यात्रा में
जब सारे स्पंदन रुक जाते है
ना जाने लोग
कहाँ खो जाते है ?

 

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आशीर्वाद

 

blessing

किसी के जाने के बाद

यादें और आशीर्वाद
रह जाते है,
ना कोई छीन सकता है,
ना इसका बँटवारा होता है.

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बाहरी सफर

बाहरी सफर के साथ
समाप्त होता है दुनिया के
दुख – दर्द का सफ़र।
और आरम्भ होता है,
अनंत की यात्रा।

जिंदगी के रंग (कविता – 5)

जीवन के  इंद्रधनुषी सफर में
हजारो रंग नज़र आते है,
परायों को अपना कहनेवाले
अच्छों को बुरा कहने वाले
कहीँ ना कहीँ मिल जाते है

रोज़ सफेद -काले और
सतरंगी जिंदगी नज़र आती है
जिंदगी रोज़ नये रंग दिखाती है।

क्या सीता जी टेस्ट ट्यूब बेबी थीं ? ( एक विचार )

जनकपुत्री सीता
जनकपुत्री सीता

रामायण महाकथा  के  अनुसार जनक पुत्री  सीता जी उन्हें एक  घड़े   या पात्र   में मिली थीं ।भूमि पुत्री सीता जी के  जन्म के  संबंध में अनेकों किवदंतियाँ है। एक कथानुसार वृहत यज्ञ के बाद  मिथिला नरेश  राजा जनक ने खेतों में हल चलाया। तभी उन को सीता जी खेत में  मिली थीं। खेत जोतने के दौरान उनका   हल या सीत   एक घट से  टकराया, जिसमें तेजोमय , अपूर्व सुंदर कन्या थी।  अतः उन्हें सीता  नाम दिया गया। जिसे उन्होंने गोद लेकर पाला।

एक  अन्य  कथा के अनुसार वे रावण और मंदोदरी पुत्री थीं। विद्वानों ने भविष्यवाणी की, कि सीता  रावण के मृत्यु और लंकादहन  का कारण बनेगी  । अतः रावण ने  मारीच को उन्हें मृत्यु के घाट उतारने का आदेश दिया, पर  तेजोमय कन्या को मारने का साहस न होने के कारण मारीच  उन्हें खेत में   छोड़ लौट गया।

भूमिसुता सीता
भूमिसुता सीता

एक कहानी के अनुसार मिथिला के एक  महत्वपूर्ण मंदिर में पूजा करने के बदले  एक विद्वान ब्राह्मण को  वहाँ के राक्षस को अपना  रक्तान्श, कर के रूप में देना पड़ा। जिसे उस असुर ने  खेत  में   ड़ाल दिया , जहाँ से माता  सीता मिलीं थी। 

रामायण काल के विमान, शक्तिशाली युद्ध अस्त्रा-शस्त्र, जैसी  बातें पहले भले  मात्र कपोल कल्पना  लगती होंगी। पर आज विज्ञान ने इसे हकीकत बना दिया है। तब क्या इसका अर्थ है कि तब विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली थी?

क्या वैसे ही यह सत्य भी कभी समझ आयेगा? आज के वैज्ञानिक खोज, रीसर्च , प्रयोग  तब के यज्ञ नहीं हो सकते क्या? घट  टेस्ट ट्यूब का दूसरा  रूप  नहीं हो सकता है क्या? महाभारत में भी अनेक ऐसे  आलौकिक जन्म की घटनाएँ वर्णित हैं । 

विश्व जैव विविधता दिवस #The International Day for Biological Diversity (IDB)

 

हमारा पर्यावरण
हमारा पर्यावरण

२२ मई का दिन आज के वैश्विक परीप्रेक्ष में पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण हो गया है। इस दिन को विश्व जैव विविधता दिवस या विश्व जैव विविधता संरक्षण दिवस के रूप में मनाने का निश्चय संयुक्त राष्ट्र ने किया है। इसे अन्तर्राष्ट्रीय पर्व कहा गया है।

यह संसार विविध जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों से भरा है। सभी किसी ना किसी रूप से एक दूसरे से जुड़े है। पर आज बदलते समय और पर्यावरण से छेड़-छाड़ ने प्रकृती पर असर डालना शुरू किया है। बहुत से जीव और पेड़ पौधे लुप्त हो गए और कुछ लुप्त होने की कगार पर हैं। इन्हे बचाने के लिए जागरूकता जरूरी है। अतः यह प्रयास प्रसंशनीय है।

यह प्रकृति हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यह बात हमारे गुणी-जनों और ऋषी-मुनियों ने बहुत पहले ही समझ लिया था। इसी लिए नदियों, वनों, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों आदि को पूजा और आध्यात्म से जोड़ दिया था। ताकि उनका संरक्षण और सम्मान हो। जिन बातों की आलोचनाएं होती थी। उनका महत्व आज स्पष्ट है। अगर हम आज भी अपनी पुरानी संस्कृती को याद रखें , तब हर दिन ही विश्व जैव विविधता संरक्षण दिवस होगा।

हमारी टूटती – बिखरती विरासतें( जागरूकता )

विरासतों को संरक्षित किया जाये या नहीं ? यह चर्चा का विषय है। कुछ लोग पुरानी चीजों पर किए जा रही खर्च को व्यर्थ मान सकतें है। पर विरासतों को संरक्षित करनेवाली विभिन्न संस्थाएं इसके लिए प्रयासरत है। यूनेस्को (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization) अनेक विश्व विरासतों को संरक्षित कर रही है।
कुछ विरासतें प्रकृतिक आपदाओं से नष्ट हो रही है, और कुछ हमारी नादानियों से। युद्ध और आपसी तकरार का आक्रोश निरीह और निर्जीव धरोहरों पर उतारने की नासमझी प्राचीन समय से चला आ

बुद्ध प्रतिमा, साँची स्तूप
बुद्ध प्रतिमा, साँची स्तूप

रहा है। आज भी विभिन्न आतंकी संगठन इस तरह के काम में लगे हैं।
बामियान में बुद्ध के 58 और 38 मीटर ऊँची मूर्तियाँ, 2000 हज़ार वर्ष पुरानी सभ्यता के पलम्यरा के अवशेष जो रेगिस्तान में लगभग 120 एकड़ में फैले है, इराक का हातरा या प्राचीन इराक़ी शहर निमरूद आदि ना जाने कितने धरोहर नष्ट किए जा रहें है।
क्या इस तरह के तोड़-फोड़ को रोका नहीं जाना चाहिए? यह क्षति अपूर्णिया है। ये विरासतें हमारी धरोहर हैं।

#MyAirtelApp एयरटेल एप  का जादू ( blog related topic )

मेरे पास एयरटेल का मोबाइल कनेक्शन काफी पहले से है। लगभग छः महीने पहले मैंने अपने पुराने फोन को बदलने का निश्चय किया। बड़े दिनों से एंड्रोएड स्मार्ट  फोन की तमन्ना मेरे दिल में थी। आखिरकार मेरा सपना साकार हुआ। मैंने एक एंड्रोएड फोन खरीद लिया। दो-चार दिन तो मैं नए फोन को समझने और चलाने की उलझन में उलझ गई। मैंने स्मार्ट फोन की बड़ी चर्चा सुनी थी। इसलिए जल्दी जल्दी मैंने इसे सीख लिया।

युजर फ्रेंडली या दोस्ताना एप – तभी मुझे एयरटेल एप की जानकारी मिली। पहले तो मुझे घबराहट हुई। नया-नया फोन, इसमें एप कैसे डाला जाए? थोड़ा ड़र भी लगा। कही एप डालने से कोई परेशानी ना हो जाये। कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर मैंने हिम्मत जुटाई और अपने से इस एप  को फोन में डाउनलोड करने का निश्चय किया।  मैंने एप डालने की कोशिश की। तब पाया यह तो बड़ा आसान है। बड़े आसानी और स्वाभाविता से एप डाऊनलोड हो गया।  एप डालने के बाद लगा मेरे सामने एक नई दुनिया ही खुल गई। यह तो सपनों का संसार है। मेरे अपने फोन की खिड़की से सारी दुनिया नज़र आ रही थी। ढेरो ऑप्शन के साथ एयरटेल एप  मेरे मुट्ठी में था। मुझे विश्वाश नहीं हो रहा था। जिन कामों को करना पहाड़ लगता था। क्या सचमुच घर बैठे हो जाएगा? वह भी इतनी सरलता से ? सच बताऊँ, मुझे विश्वाश नहीं हो रहा था। इस आधे बित्ते के मोबाईल के विंडो यानि खिड़की से झाँकते इस एप में क्या सचमुच इतनी शक्ति है? मेरे मन में खयाल आया – पहले इस्तेमाल करो, फिर विश्वाश ।

एयरटेल एप
एयरटेल एप

अलादीन का चिराग – मैंने सोचना शुरू किया, कहाँ से शुरुआत करूँ? सारे के सारे ऑप्शन बड़े लुभावने लग रहे थे। मन में तरह – तरह के ख्याल आ रहे थे।  इस जलती गर्मी में घर से बाहर निकल कर कुछ भी करने का मन नहीं करता है। अगर सचमुच घर बैठे ये काम हो जाए, तब सचमुच मज़ा आ जायेगा । मैं अभी सोच विचार में लगी थी । तभी एयरटेल का एक आकर्षक ऑफर मेरे फोन पर आया। 14 रुपये के रेचार्ज से मेरे सारे काल 30 पैसे प्रति मिनट हो जाएँगे। मैंने अपने एयरटेल – मनी से यह काम करने की कोशिश की और हैरान रह गई। यह काम पल भर में हो गया। अब मैं एयरटेल – मनी का भरपूर इस्तेमाल करने लगी हूँ। यह मुझे बड़ा सरल और सुविधाजनक लगने लगा है।

अब तो मैं बड़ी सहजता और स्वाभाविता से इसके  इंटरनेट का उपयोग भी करने लगी हूँ। एयरटेल वन टच  इंटरनेट से मैं बड़ी आसानी से सभी से जुड़ा हुआ महसूस करती हूँ। बिना लैपटाप के जब चाहो, जहां चाहो ईमेल देखना हो या व्हाट्सएप से परिवार, मित्रों या बच्चों से बातें करना हो, सब मुट्ठी में होता है। यहाँ तक कि ब्लॉग पढ़ना या पोस्ट करना जैसे काम भी उँगलियों के इशारे से हो जाता है। लगता है जैसे हाथों में अलादीन का चिराग आ गया है।   

वैसे तो ख़रीदारी  महिलाओं का मनपसंद  शगल और शौक होता है। पर बाज़ार की  भीड़भाड़ और मोलतोल से मुझे बड़ी परेशानी मससूस होती है। ऊपर से यह भयंकर गर्मी रहा सहा उत्साह भी ठंडा कर देतीं है। ऐसे में एयरटेल से ख़रीदारी की सुविधा ठंढे – सुहाने बौछार सा लगता है। घर बैठे मन चाही ख़रीदारी करो।  वह भी ढेरो ऑफरों के साथ।  यह  बड़ा अच्छा लगता है। वन स्टॉप शॉप फॉर ऑल कंटेन्ट ने जिंदगी को सरल और सुकून भरा बना दिया है।    

फूलों से बरसते  ऑफ़र– एक बात इस एप की मुझे बड़ी अच्छी लगती है। वह है ढेर सारे ऑफर। लगता है  जैसे ड़ाल से टूट कर  खूबसूरत फूल हथेलियों में आ गिरे  हों। जब मैंने अपना मोबाईल रेचार्ज करवाया तब मुझे कुछ रेस्टोरेन्ट के डिस्काउंट कूपन ऑफर में  मिले। इसी तरह इंटरनेट रीचार्ज के साथ मुझे वाइकिंग म्यूजिक की सुविधा ऑफर में प्राप्त ई।

पारिवार का  मददगार दोस्त – अब मेरे बच्चे और पति सब इस एप को इस्तेमाल करने लगे हैं। मेरे पति मोबाईल रीचार्ज, डीटीएच, और ना जाने कितना सारा काम इस एप के जरिये करने लगे है। बेटियाँ भी ख़रीदारी और इंटरनेट बड़े मज़े से इस्तेमाल करने लगी है। इस से समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।

http://www.airtel.in/myairtel.

लिखती तो मैं पहले भी थी (कविता )

लिखती तो मैं पहले भी थी। कभी कुछ छप जाता था। तब खुश हो लेती

थी। कभी लिखे पन्ने रखे-रखे पीले पड़ समय की भीड़ में कहीं खो

जाते थे। पर धन्यवाद ब्लॉग की दुनिया। मन की बातें लिखने के लिए

इतना बड़ा आसमान और इतनी बड़ी धरती दे दी है । ढेरो जाने-

अनजाने पाठक और आलोचक। सबको धन्यवाद।

अब मन की हर बात, हर विचार को जब चाहो लिख डालो। मन में भरे

ख़ज़ाने और उमड़ते-घुमड़ते विचारों को पन्ने पर उतारने की पूरी छूट

है। लिखती तो मैं पहले भी थी, पर अब लिखने में मज़ा आने लगा है।